Saturday 15 April 2017

धोनी ने कप्तानी से सन्यास लिया, क्रिकेट से नहीं


·         ODI वर्ल्ड कप2011, T20 वर्ल्ड कप 2007 और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी का ख़िताब
·         199 वनडे में 110 जीत, 60 टेस्ट में 27 जीत और 72T20 में 41 जीत
·         तीनो प्रारूपों में भारतीय टीम को नम्बर वन बनाया

सभी लगता है कि धोनी ने दबाव में आकर कप्तानी छोड़ने का निर्णय लिया | जहा तक मुझे ऐसा लगता है कि धोनी ने भारतीय टीम के हित में फैसला लिया है जो कि सराहनीय है | हम सभी भारतीयों को उनके फैसले का स्वागत करना चाहिए| कौन राजा नहीं चाहता है कि उसके मौजूदगी में ही कोई उनका उत्तराधिकारी बने| ठीक वैसे ही धोनी ने किया है | नए कप्तान विराट कोहली भी बहुत भाग्यशाली है जो धोनी की मौजूदगी में उत्तराधिकारी बने है| शायद धोनी को भी यह लगा होगा कि अब समय आ गया है कि भारतीय टीम की कमान विराट के हाथो में सौपा जाय | खैर जो भी हो नए कप्तान विराट को धोनी के अनुभव से काफी कुछ सीखने में मदद मिलेगी | हो सकता है धोनी का ये भी मानना हो कि जिस तरह से उन्होंने अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में धमाकेदार शुरुआत किया था, समापन भी उसी अंदाज में करे |

विराट अभी नए कप्तान है और उनके पास थोड़ा दबाव होगा ऐसे में धोनी का मैदान पर रहना बहुत ही जरुरी है| हाल ही में जिस तरह से धोनी प्रदर्शन कर रहे है इससे साबित होता है कि उन्होंने अभी सिर्फ कप्तानी से सन्यास लिया है क्रिकेट से नहीं | अभी भी उनमे वो सारी क्षमताये है जो 10 साल पहले हुआ करता थी | पिछले कुछ मैचों का प्रदर्शन तो साफ साफ बयां कर रहा है|


कप्तानी छोड़ने के बाद से जिस तरह से उनका स्वभाव नजर आ रहा है सबको यही लग रहा है कि भारतीय टीम की कप्तानी विराट नहीं बल्कि अभी भी धोनी ही कर रहे है | हो भी क्यों न जो 10 सालो से लगातार कप्तानी कर रहे थे और एकाएक अपने आप को नियंत्रण में करना थोड़ा धोनी के लिए मुश्किल जरुर होगा | जब भारतीय क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी ने सीमित ओवरो से कप्तानी छोड़ने का फैसला सुनाया तब भारतीय समर्थको को जरुर एक बड़ा झटका लगा था लेकिन अब लग रहा है कि उनका निर्णय बहुत हद तक सही है| शायद धोनी भी चाहते है कि दर्शको का ज्यादा से ज्यादा मनोरंजन हो |

इससे पहले काफी आलोचनाए हो रही थी कि धोनी में अब वो दमख़म नहीं रह गया जो 4 साल पहले दीखता था, उनकी बल्लेबाजी में और कप्तानी में वो निखार, नयापन नहीं रह गया जो पहले हुआ करता था | लेकिन लोग यह क्यूँ भूल जाते है कि एक समय था जब भारतीय टीम को आईसीसी रैंकिंग में किसी ने 7 वें नम्बर से ऊपर नहीं देखा होगा और आज सभी प्रारूपों में कप दिलाने वाले को हम ऐसी टिप्पणियां कर रहे है| हम उनको भूल जाते है कि जिन्होंने अपनी में कप्तानी में आईसीसी T-20 वर्ल्ड कप 2007, चैम्पियंस ट्राफी 2013 और आईसीसी वर्ल्ड कप 2011 का ख़िताब दिलाया| धोनी को भारत के सफलतम कप्तानों में शुमार किया जाता है और अब हम उनसे और क्या उम्मीद कर सकते है| नए कप्तान को  पुराने कप्तान काफी सपोर्ट कर रहे है जिसका असर भारतीय टीम इंग्लैण्ड से वनडे श्रृंखला और ऑस्ट्रेलिया से टेस्ट श्रृंखला जीतने में कामयाब रही| आगे भी हम सभी भारतीय को ऐसे प्रदर्शन की उम्मीद है|

अब क्रिकेट काफी दिलचस्प होगा क्यूंकि भारतीय टीम में दो बड़े कप्तान है और विरोधी टीम को इनपर अंकुश लगाना काफी मुश्किल होगा | भारतीय टीम के लिहाज से बहुत बड़ी खुशखबरी |

                  लेखक सदाम हुसेन PR Professionals   



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